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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय गृह मंत्री ने पुलिस बलों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के दिए निर्देश

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अनुसंधान अध्ययनों और परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थानों के साथ सहयोग समेत बहु-हितधारक योगदान के महत्व पर भी जोर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) पुलिस बलों को आवश्यक बौद्धिक, भौतिक और संगठनात्मक संसाधनों से लैस कर पुलिसिंग के साथ आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए स्मार्ट बलों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलह है कि स्मार्ट पुलिसिंग का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2014 में गुवाहाटी में हुई पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में पेश किया गया था। इसमें भारतीय पुलिस को सख्त और संवेदनशील, आधुनिक और गतिशील, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और प्रत्युत्तरशील, तकनीक-प्रेमी और प्रशिक्षित (स्मार्ट) करने की परिकल्पना की गई है।

उन्होंने पुलिस बलों को अधिकतम लाभ प्रदान करने तथा पुलिस की सार्वजनिक छवि को बेहतर बनाने के लिए बीपीआरएंडडी परियोजनाओं और अध्ययनों तथा प्रकाशनों के लिए वैश्विक स्तर पर विस्तारित दायरे और पहुंच के निर्देश दिए। उन्होंने आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी स्तंभों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर लक्षित सहायता प्रदान करने के लिए ब्यूरो के कार्य को और अधिक सुव्यवस्थित बनाने के निर्देश दिए।

शाह ने कहा, बीपीआरएंडडी, एनसीआरबी, जेल अधिकारियों और फोरेंसिक विशेषज्ञों को अपराध के तौर-तरीकों का विश्लेषण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी को जमीनी स्तर पर पुलिसिंग में आने वाली चुनौतियों की पहचान करने के लिए शोध करना चाहिए और उनका समाधान खोजने की दिशा में काम करना चाहिए।

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