Breaking News
खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए फिर खुलेगा आवेदन
एसजीजीआर विवि में धूमधाम से मनाया गया नौवां स्थापना दिवस
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इंटर क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में की शिरकत, विजेता और उप विजेता टीम को किया सम्मानित
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का चिंतन शिविर शुरु
90 के दशक की फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ एक बार फिर से देगी सिनेमाघरों में दस्तक, फिल्म का ट्रेलर हुआ जारी
केमिकल फैक्टरी में लगी आग, मालिक समेत दो लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
भविष्य बदरी मार्ग पर जली हुई कार में मानव कंकाल मिलने से इलाके में फैली सनसनी 
क्या तेज धूप के कारण आपकी त्वचा भी हो रही है बेजान, तो घर पर एलोवेरा से बनाएं फेस मास्क, मिलेगी राहत
गड्डामुक्त सड़क, पेयजल व वनाग्नि नियंत्रण पर विशेष फोकस करें- सीएम 

राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजा यूसीसी  विधेयक, मुहर लगने के बाद राज्य में लागू हो जाएगा कानून

देहरादून। राज्यपाल ने यूसीसी विधेयक राष्ट्रपति को भेजा है। राजभवन ने इस पर विचार करने के बाद विधायी विभाग को भेजा था। विधायी के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया है। चूंकि यह संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए बिल अनुमोदन के लिए राज्यपाल से राष्ट्रपति को भेजा गया। विधानसभा से यूसीसी बिल पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा गया। इस पर राष्ट्रपति भवन को फैसला लेना है। वहां से मुहर लगने के बाद राज्य में कानून लागू हो जाएगा। उत्तराखंड के बाद असम की भाजपा सरकार यूसीसी बिल विधानसभा में सबसे पहले पेश कर सकती है। राजस्थान सरकार भी यूसीसी लाने का एलान कर चुकी है।

विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि, देश के पहले गांव माणा में संवाद से ड्राफ्ट समिति ने इसकी शुरुआत की थी। उन्होंने अब अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा, जिस प्रकार गंगा सबके लिए सुखदायी है, वैसे ही यूसीसी भी मातृशक्ति व पूरे समाज के लिए सुखद होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top