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मानसखण्ड की तरह केदारखण्ड मंदिर माला मिशन भी बनायें- महाराज

महासू देवता मन्दिर के विकास हेतु 111.00 करोड़ के कार्य प्रस्तावित, illumination और facade lighting के लिए 94.36 लाख स्वीकृत

टिहरी झील विकास हेतु 601.204.00 करोड मंजूर

देहरादून। राज्य में चिन्हित पौराणिक मंदिरों को विकसित करने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन की तरह केदारखण्ड मंदिर माला मिशन भी बनाया जाये और गुंजी घाटी में वेद व्यास की प्रतिमा को लगाने के साथ-साथ श्री कार्तिक स्वामी मन्दिर पैदल मार्ग पर विभिन्न सुविधायें विकसित करने हेतु शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाये।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोकनिर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन विकास परिषद में वेडिंग डेस्टिनेशन, टिहरी झील निर्माण कार्य, हनोल, टिम्मरसैंण, कार्तिकेय स्वामी, गंगोत्री-यमुनोत्री आदि के मास्टर प्लान की समीक्षा करते हुए पर्यटन अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कही। उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि वह राज्य में चिन्हित पौराणिक मंदिरों को विकसित करने के लिए मानसखंड मंदिर माला की तरह ही केदारखण्ड मंदिर माला मिशन भी बनाये ताकि श्रृद्धालुओं को बेहतर सुविधाओं के अलावा इन प्राचीन और पौराणिक मंदिरों के दर्शनों का लाभ भी मिल सकें।

समीक्षा बैठक के पश्चात जानकारी देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जनपद देहरादून स्थित महासू देवता मन्दिर के विकास हेतु मास्टर प्लान के अन्तर्गत 02 चरणों में रू0 61.00 करोड और रू0 50.00 करोड़ अर्थात कुल रू0 111.00 करोड़ के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। जबकि महासू देवता के illumination और facade lighting के अन्तर्गत रू0 94.36 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि जनपद टिहरी झील के आसपास के विकास हेतु एशियाई विकास बैंक (ADB) ने 601.204.00 करोड की फंडिंग को मंजूरी दे दी है। जिसके अन्तर्गत कोटी कॉलोनी से डोबरा चांटी ब्रिज तक 15.7 किमी लंबी पर्यटन सड़क जिसमें समर्पित साइक्लिंग ट्रैक, व्यू पॉइंट, समर्पित हॉकर क्षेत्र तथा कोटि कॉलोनी से तिवार गांव तक 450 मीटर लंबा ग्लास बॉटम पैदल यात्री सस्पेंशन ब्रिज आदि बनाया जायेगा।

महाराज ने कहा कि जनपद चमोली स्थित टिम्मरसैण महादेव मन्दिर के विकास हेतु शासन द्वारा रू0 7.95 करोड़ की राशि अनुमोदित की गयी है। गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के सुनियोजित विकास हेतु ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार किया जा चुका है। Caravan Park बनाने के भी निर्देश दिये गये हैं। रूद्रप्रयाग स्थित श्री कार्तिक स्वामी मन्दिर पैदल मार्ग पर विभिन्न सुविधायें विकसित करने हेतु जिला पर्यटन विकास अधिकारी, रूदप्रयाग को विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिनांक 15 मई, 2024 को कार्तिक स्वामी मन्दिर में 108 बालमपुरी शंख पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तमिलनाडु के मुरूगन मन्दिरों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुये।

उन्होंने बताया कि देहरादून से मसूरी रू0 285.00 करोड़ की लागत से 5.5 कि०मी० लम्बी रोप-वे परियोजना का निर्माण कार्य गतिमान है। जानकी चट्टी से यमुनोत्री रू0166.81 करोड़ की लागत से 3.85 कि0मी0 लम्बी रोप-वे परियोजना में निजी निवेशक की नियुक्ति की जा चुकी है, जिसके द्वारा सर्वे आदि का कार्य गतिमान है। पूर्णागिरी रोप वे रू0 35.00 करोड़ की लागत से 903 मी० लम्बी रोप-वे परियोजना का निर्माण कार्य गतिमान है। राज्य सरकार द्वारा राफ्टिंग को प्रचारित-प्रसारित करने हेतु गंगा नदी के अतिरिक्त अन्य नदियों में राफ्टिंग ऑपरेटरों हेतु शुल्क माफी की घोषणा की गयी है, जिससे अलकनन्दा, टॉस, शारदा, रामगंगा आदि नदियों में भी राफ्टिंग गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। राज्य में पैराग्लाईडिंग ट्रेनिंग को बढ़ावा देने हेतु टिहरी में पैराग्लाईडिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं, जिसमें राज्य के युवाओं को निःशुल्क पैराग्लाईडिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

समीक्षा बैठक में पर्यटन विभाग के एसीईओ युगल किशार पंत, श्रीमती पूजा गब्यर्याल, हरीश रड़‌तालिया, श्रीमती पूनम चांद, दीपक खण्डू‌री, सुमित पंत, एस एस संमत, विजय भट्ट आदि अधिकारी मौजूद थे।

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