Breaking News
LUCC घोटाले में सीबीसीआईडी की सख्त कार्रवाई
चारधाम यात्रा के लिए लगभग 25 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन
खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए फिर खुलेगा आवेदन
एसजीजीआर विवि में धूमधाम से मनाया गया नौवां स्थापना दिवस
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने इंटर क्रिकेट टूर्नामेंट के समापन समारोह में की शिरकत, विजेता और उप विजेता टीम को किया सम्मानित
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का चिंतन शिविर शुरु
90 के दशक की फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ एक बार फिर से देगी सिनेमाघरों में दस्तक, फिल्म का ट्रेलर हुआ जारी
केमिकल फैक्टरी में लगी आग, मालिक समेत दो लोगों की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
भविष्य बदरी मार्ग पर जली हुई कार में मानव कंकाल मिलने से इलाके में फैली सनसनी 

लोकसभा चुनाव के बीच सीएम केजरीवाल को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों के साथ दी जमानत

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट  ने शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल को कई शर्तों के साथ जमानत दी है। केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना पड़ेगा। कोर्ट की तरफ से केजरीवाल की कैंपेनिंग पर कोई रोक नहीं है।

‘आदतन अपराधी नहीं केजरीवाल’
इससे पहले 7 मई को हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक निर्वाचित नेता हैं। चुनाव हो रहे हैं। यह असाधारण परिस्थिति है. ऐसा नहीं है कि वह कोई आदतन अपराधी हैं। हम इस बारे में दलीलें सुनने पर विचार करेंगे कि उन्हें अंतरिम जमानत पर छोड़ा जाना चाहिए या नहीं।’

सरकारी कामकाज नहीं कर सकेंगे केजरीवाल
शीर्ष अदालत ने मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा था कि न्यायालय यह नहीं चाहता कि वह अंतरिम जमानत मिलने पर सरकारी कामकाज करें। पीठ ने कहा, ‘अगर आप सरकारी कामकाज करते हैं तो यह हितों का टकराव होगा और हम ऐसा नहीं चाहते।’ सिंघवी ने पीठ को आश्वासन दिया कि अगर केजरीवाल को मामले में अंतरिम जमानत मिल जाती है तो वह आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी कोई फाइल नहीं देखेंगे।

ED ने केजरीवाल के लिए अंतरिम जमानत पर सुनवाई करने की शीर्ष अदालत की राय का विरोध किया और कहा कि अदालत नेताओं के लिए अलग श्रेणी नहीं बना सकती. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ED की ओर से कहा, ‘देश में इस समय सांसदों से जुड़े करीब 5,000 मामले लंबित हैं। क्या उन सभी को जमानत पर छोड़ दिया जाएगा? क्या एक किसान का महत्व किसी नेता से कम है जिसके लिए फसलों की कटाई और बुवाई का मौसम है?’ मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने यदि जांच में सहयोग किया होता तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता, लेकिन उन्होंने नौ समन की अवहेलना की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top