Breaking News
शौर्य महोत्सव में बोले सीएम धामी – शहीदों का सम्मान हमारा कर्तव्य
देश में कोरोना का खतरा फिर गहराया, एक्टिव केस 5000 पार
प्रधानमंत्री मोदी ने कटरा से दिया एकता और विकास का संदेश, चिनाब ब्रिज को बताया भारत की ताकत का प्रतीक
विक्रांत मैसी की आगामी फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ का टीजर हुआ जारी, 11 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म 
केंद्रीय कृषि मंत्री ने पाववाला सोडा में किसानों से की सीधी बातचीत
पूर्वोत्तर भारत में मानसून बना मुसीबत, जनजीवन अस्त-व्यस्त, लाखों लोग प्रभावित
थराली के निर्माणाधीन पुल गिरने पर तीन अभियंता निलंबित
फ्रंटलाइन वर्कर्स और आशा कार्यकर्ताओं को जिलाधिकारी ने किया सम्मानित
एवरेस्ट विजेता रोहित भट्ट को सीएम धामी ने किया सम्मानित

अरविंद केजरीवाल आज ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान’ योजना की करेंगे शुरुआत 

पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रतिमाह मिलेगा भत्ता 

भाजपा से विनती है कि इस योजना को रोकने की कोशिश न करे – अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल का फैसला हमारी विरासत को संरक्षित करने का संकल्प है – मुख्यमंत्री आतिशी

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की शुरुआत करेंगे। अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रतिमाह भत्ता मिलेगा। योजना के एलान के बाद पूर्व सीएम केजरीवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भाजपा से हाथ जोड़कर विनती है कि जैसे उन्होंने हमारी महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को रोकने का प्रयास किया, कम से कम पुजारियों और ग्रंथियों के लिए शुरू की जा रही इस योजना को रोकने की कोशिश न करे।

ऐसा करने से भाजपा को बहुत बड़ा पाप लगेगा। पुजारी और ग्रंथी हमारे और भगवान के बीच में एक ब्रिज का काम करते हैं। यह योजना समाज के प्रति उनके आध्यात्मिक योगदान और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के उनके प्रयासों के प्रति श्रद्धांजलि है। मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि जब आम आदमी पार्टी की फिर से सरकार बनेगी तो मंदिर के पुजारी और गुरुद्वारा के ग्रंथी को 18,000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। ये लोग पीढि़यों से हमारी संस्कृति और सभ्यता को बचाए हुए हैं और आगे बढ़ा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल का फैसला न केवल पुजारियों और ग्रंथियों की सेवा के प्रति सम्मान है, बल्कि हमारी विरासत को संरक्षित करने का संकल्प भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top