Breaking News
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने गल्जवाड़ी में 92 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए सख्त निर्देश
एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र – मुख्यमंत्री
खनन माफियाओं पर शिकंजा, पौड़ी खनन विभाग ने कमाए 29.62 करोड़ रुपये
2009 के बाद पहली बार निर्धारित समय से पहले दस्तक देगा मानसून, मौसम विभाग ने दी जानकारी
पदक विजेताओं को नगद इनाम के लिए पैसा जारी, खेल मंत्री रेखा आर्या ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
भारत से हारने की खुशी में मुनीर को पाक ने पहनाया हार- महाराज
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  

क्या आप भी सोने से पहले चलाते हैं स्मार्टफोन, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो सेहत को हो सकता है नुकसान

तकनीकी के इस दौर में स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसकी लत आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि सोने से पहले एक घंटा स्मार्टफोन, टीवी और कंप्यूटर में बिताने से अनिद्रा का जोखिम लगभग 60 फीसदी बढ़ सकता है। नॉर्वे में 18-28 वर्ष की आयु के 45 हजार से अधिक छात्रों पर किए गए अध्ययन में यह भी पता चलता है कि इससे नींद का समय भी लगभग आधे घंटे कम हो सकता है।

फ्रंटियर्स इन साइकियाट्री जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य लेखक और नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के गुन्नहिल्ड जॉनसन हेटलैंड ने कहा, चाहे आप सोशल मीडिया पर समय बिताएं या फिर रील्स या ओटीटी प्लेटफॉर्म पर, उससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क सोते समय स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी में रहने वाली कुल अवधि यानी स्क्रीन टाइम से पड़ता है।

हेटलैंड ने कहा, यूं तो छात्रों में नींद की समस्याएं बहुत आम हैं, लेकिन आंकड़े बताते हैं बिस्तर पर जाने के बाद एक घंटे तक स्क्रीन में बिताने से अनिद्रा के लक्षणों की 59 फीसदी अधिक संभावना है और नींद की अवधि भी 24 मिनट कम हो सकती है।

स्क्रीन टाइम का असर
स्क्रीन टाइम का मतलब है कि आप स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टीवी, या टैबलेट जैसे स्क्रीन वाले डिवाइस का उपयोग करने में कितना समय बिताते हैं। अध्ययन के मुताबिक, स्क्रीन टाइम जितना अधिक होता है, नींद उतनी अधिक प्रभावित होती है।
अध्ययनकर्ताओं ने सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल या अन्य किसी उपकरण का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।

बिस्तर पर मोबाइल चलाने के दुष्प्रभाव
नींद में खलल पड़ता है
नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है
नीद की गुणवत्ता खराब हो जाती है
शरीर की आंतरिक घड़ी यानी सर्कैडियन रिदम प्रभावित भी होती है। यह घड़ी निर्धारित करती है कि आप कब सबसे अधिक सतर्क रहते हैं और कब सोने के लिए तैयार होते हैं।

सलाह
किताब पढ़ें…सोने से एक घंटे पहले मोबाइल को खुद से दूर रखें।
ब्लूलाइट फिल्टर ऑन करें।
रात को किताब पढ़ें या ध्यान करें।

(साभार)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top