Breaking News
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने गल्जवाड़ी में 92 लाख की लागत से बनने वाले सामुदायिक भवन का किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, दिए सख्त निर्देश
एक देश एक चुनाव से और अधिक सशक्त होगा लोकतंत्र – मुख्यमंत्री
खनन माफियाओं पर शिकंजा, पौड़ी खनन विभाग ने कमाए 29.62 करोड़ रुपये
2009 के बाद पहली बार निर्धारित समय से पहले दस्तक देगा मानसून, मौसम विभाग ने दी जानकारी
पदक विजेताओं को नगद इनाम के लिए पैसा जारी, खेल मंत्री रेखा आर्या ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
भारत से हारने की खुशी में मुनीर को पाक ने पहनाया हार- महाराज
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  

हर विद्यालय की भूमि उसके नाम दर्ज होनी चाहिए – शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत

शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को स्कूल की भूमि से अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश 

देहरादून।  उत्तराखंड में जमीनों की कीमत बढ़ने से न सिर्फ नदी, नालों बल्कि हजारों विद्यालयों की भूमि पर भी माफिया की नजर है। विद्यालयों में अतिक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में 4891 विद्यालयों को भूमि दान में मिली थी जो अब भी उनके नाम दर्ज नहीं है। इसे देखते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को स्कूल की भूमि से अतिक्रमण हटाने और विद्यालयों के नाम भूमि की रजिस्ट्री के निर्देश दिए हैं। मंत्री का कहना है कि हर विद्यालय की भूमि उसके नाम दर्ज होनी चाहिए। उन विद्यालयों को समग्र शिक्षा के तहत पैसा नहीं दिया जाएगा जिनके नाम जमीन नहीं है।

प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के तहत 591 और प्रारंभिक शिक्षा के 4300 विद्यालयों के नाम जमीन नहीं है। विद्यालयों को यह जमीन दान में मिली है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जमीनों की कीमत बढ़ने से स्कूल की भूमि पर अतिक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे भी प्रकरण हैं जिनमें भूमि स्कूल के लिए दान में दिए जाने के बाद अब नई पीढ़ी इस भूमि पर अपना हक जता रही है। देहरादून में सचिवालय के ठीक सामने एक सरकारी जूनियर हाईस्कूल चल रहा था। करीब 200 करोड़ रुपये कीमत की इस भूमि को कानूनी दांव-पेंच में उलझाने के बाद स्कूल ही शिफ्ट करवा दिया गया। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक राज्य में करीब 17,000 सरकारी विद्यालय हैं।

इनमें से अधिकतर विद्यालयों के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवा दी गई है। जिन विद्यालयों के नाम जमीन की रजिस्ट्री नहीं है उनकी रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ विद्यालय वन भूमि में हैं। वन भूमि वाले विद्यालयों की जमीन की रजिस्ट्री के लिए भी नीति बनाई जाएगी। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top