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नशे और पर्यावरण के मुद्दे पर सक्रिय होंगे जन संगठन

उम्मीदवारों के साथ ही मतदाताओं से भी करेंगे संपर्क संवाद

देहरादून। उत्तराखंड इंसानियत मंच और उत्तराखंड महिला मंच विभिन्न जन संगठनों के साथ नगर निगम चुनाव में उम्मीदवारों और आम मतदाताओं से संपर्क और संवाद करेंगे। इस अभियान में जन संगठन देहरादून के पर्यावरण और शहर में ड्रग्स के बढ़ते चलन को, जिससे कि लोग त्रस्त हैं और निरंतर आंदोलनरत रहे हैं, को एक प्रमुख मुद्दा बनाने की मांग करेंगे।

आज विभिन्न जन संगठनों की शहीद स्मारक में हुई संयुक्त बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में इसे लेकर किसी के द्वारा भी जो प्रयास किया जाए तो उसे भी सहयोग करते हुए संयुक्त रूप से विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने इन दोनों मुद्दों पर सर्वसम्मत एकजुटता की बात कही।

प्रतिनिधियों को कहना था कि आम तौर पर यह माना जाता है कि ड्रग्स जैसी समस्या नगर निगम का विषय नहीं है। लेकिन, नगर निकायों का एक सर्व प्रमुख विषय जन स्वास्थ्य है और और आज इसे सबसे बुरी तरह से नगर में बढ़ते नशे व ड्रग्स का प्रचलन प्रभावित कर रहा है, जिस ओर न तो अब तक मेयर के पार्षदों ने या मेयर ने कभी कतई कोई ध्यान दिया है, जबकि यह सबसे गंभीर विषय है जिससे हर घर बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है स इसीलिये शहर को नशामुक्त बनाने का प्रयास करना, नगर पालिका के मेयर व पार्षदों की एक अहम जिम्मेदारी है।

इसके अलावा देहरादून में लगातार पेड़ काटे जाने हरियाली नष्ट होने को लेकर चिन्ता जताई गई। प्रतिनिधियों का कहना था कि शहर की वानिकी, पर्यावरण और हरियाली की रक्षा करना नगर निकायों का काम है। लेकिन देहरादून में लगातार पेड़ काटे जाने और हरियाली नष्ट होने के बावजूद कभी भी किसी मेयर ने अथवा किसी पार्षद ने इस पर कभी कोई कार्यवाही तो दूर इस पर कभी कोई बात तक नहीं की है। देहरादून में लगातार तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है।

पेड़ों को काटे जाने व नशे के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन दुखद आश्चर्य की बात है कि नगर निकाय जन प्रतिनिधि इसे अपना कोई विषय ही नहीं मानते।

बैठक में तय किया गया कि इन दोनों मुद्दों को लेकर जन संगठन विभिन्न पार्टियों के और निर्दलीय उम्मीदवारों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।

कोशिश की जाएगी कि मतदान से पहले तक मेयर पद के सभी उम्मीदवारों और पार्षद का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों तक पहुंचा जाए और उक्त दोनों मुद्दों को उनके सामने रखकर , उनको जागरुक करते उनकी राय भी ली जाए। जनता तक यह सब जानकारी भी पहुंचाई जाए।

बैठक में फैसला किया गया कि सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग पोस्टर, बैनर और पम्फलेट के साथ उम्मीदवारों और आम मतदाताओं के पास जाएंगे। उम्मीदवारों से पूछा जाएगा कि चुनाव जीतने पर वे इन दोनों मुद्दों पर वे क्या करेंगे और इन मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वालों का वे किस तरह से सहयोग करेंगे, उनका कैसे सहयोग लेंगे।

इसके साथ ही आम मतदाताओं से अपील की जाएगी कि वे शहर के पर्यावरण और शहर में बढ़ते ड्रग्स और नशे को लेकर उम्मीदवारों से सवाल करें और उनसे पूछें कि वे हमारे घरों के युवाओं को नशे की लत में पड़ने से रोकने में किस तरह मदद करेंगे और शहर में या अपने वार्ड में ड्रग्स की पहुंच रोकने के लिए क्या करेंगे।

इस बैठक में हिमांशु अरोड़ा, रवि चोपड़ा, कमला पंत, जया सिंह , सतीश धौलाखंडी, यशवीर आर्य, त्रिलोचन भट्ट, निर्मला बिष्ट, उषा भट्ट, पद्मा गुप्ता, ओशीन, नन्द नन्दन पांडे, अजय जोशी, जगदीश कुकरेती, प्रभात डंडरियाल, आशीष कालरा, बीना डंगवाल, बलोदी, शकुन्तला मुंडेपी, हेमलता नेगी आदि बहुत से साथी मौजूद रहे।

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