Breaking News
केदारनाथ उपचुनाव- भाजपा की ऐतिहासिक विजय और विपक्ष के झूठ की करारी हार
तमन्ना भाटिया की ‘सिकंदर का मुकद्दर’ का ट्रेलर जारी, 29 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी फिल्म
खेल मंत्री रेखा आर्या ने खुद राफ्टिंग कर राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का किया निरीक्षण
पिथौरागढ़ जिले में जमीन की खरीद फरोख्त पर तलब की रिपोर्ट
कभी देखा है नीले रंग का केला, गजब है इसका स्वाद, जबरदस्त हैं फायदे
ज्योर्तिमठ में येलो और ग्रीन केटेगरी के भवनों को अस्थाई मरम्मत की मिली अनुमति
ट्रंप के साथ एलन मस्क की जबरदस्त जुगलबंदी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाओ पीडीआर में जापानी और फिलीपीन रक्षा मंत्रियों से की मुलाकात
ट्रक और इनोवा की टक्कर से छह युवाओं की दर्दनाक मौत के मामले में कंटनेर ड्राइवर की हुई पहचान, जल्द होगी गिरफ्तारी 

ट्रंप के साथ एलन मस्क की जबरदस्त जुगलबंदी

श्रुति व्यास
पिछले कुछ महीनों से ट्रंप के साथ अगर कोई जबरदस्त जुगलबंदी कर रहा था तो वे थे एलन मस्क। राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान सबसे बढ़-चढक़र लफ्फाजी करने वालों में मस्क अग्रणी थे।

ट्रंप की एक रैली में उछल-कूद मचाते हुए उन्होंने दावा किया था कि वे न केवल मागा हैं बल्कि वे एक बर्बर डार्क गौथिक मागा हैं।
ट्रप के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मस्क ने ‘एक्स’ का भरपूर इस्तेमाल किया। उन्होंने ट्रंप समर्थकों और उनकी टीम को अपनी बात कहने के लिए एक्स का मंच दिया।
मस्क ने खुद के एक्स एकाउंट पर जो रोगन के साथ उनके उस पॉडकास्ट का प्रसारण किया जिसमें वे मागा और डोनाल्ड ट्रंप का गुणगान कर रहे हैं और यह बता रहे हैं कि वे ट्रप के कितने बड़े मुरीद हैं।

गौरतलब है कि एक्स पर मस्क के 20 करोड़ फालोअर हैं। मस्क ने अमेरिका के स्विंग राज्यों (वे राज्य जहाँ दोनों पार्टियों के समर्थकों की संख्या लगभग सामान है) में पंजीकृत प्रत्येक मतदाता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हथियार रखने के अधिकार के पक्ष में एक याचिका पर हस्ताक्षर करने के बदले 47 डालर देने की घोषणा भी की थी।

सीधे शब्दों में कहा जाए तो उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का पूरा समर्थन किया और उनके चुनावी अभियान पर अपना धन भी लुटाया। उन्होंने अपने प्रभाव और अपने अकूत धन, दोनों को ट्रप को समर्पित कर दिया।

जाहिर है कि वे परोपकार तो कर नहीं रहे थे। अब वे यह उम्मीद कर रहे होंगे कि उनके समर्थन का ईनाम उन्हें मिलेगा। वे चाहेंगे कि टेस्ला, स्पेस एक्स और उनके अन्य कारोबारों में हो रही गड़बडिय़ों को नियामक संस्थाएं नजरअंदाज करें या कम से कम  उन पर सख्त रूख अख्तियार न करें।

ट्रप ने भी दरियादिली दिखाई और जीत बाद दिए गए भाषण में कहा, “एक नए सितारे का उदय हो गया है जिसका नाम है एलन”।
इसके फौरन बाद टेस्ला का शेयर करीब 15 प्रतिशत चढ़ गया और उस दिन वह एसएंडपी सूचकांक के सबसे ज्यादा बढऩे वाले शेयरों में से एक बना।
इससे मस्क की कुल संपत्ति में 20 बिलियन डालर का इज़ाफा हुआ और वह बढक़र 285 बिलियन डालर हो गई। ज्ञानीजन कयास लगाने लगे कि क्या वे दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति बनने की राह पर हैं जिसकी संपत्ति 1000 बिलियन डॉलर से अधिक हो।

मस्क एक्स की खातिर कुछ भी करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने जनमत को ट्रंप के पक्ष में करने के लिए एक्स के मालिक के तौर पर बहुत बड़ा राजनैतिक और व्यावसायिक दांव खेला है।

इसलिए ट्रंप की जीत एक्स के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। ट्रंप के शासनकाल में एक्स को एक ऐसे मंच का दर्जा मिल सकता है जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति का समर्थन हासिल है – जिससे उसका प्रभाव और बढ़ जाएगा।

ऐसी अफवाहें हैं कि एक्स का ट्रप के प्लेटफार्म ट्रुथ सोशल की होल्डिंग कंपनी में विलय हो सकता है। चुनाव की रात मस्क ने अपने करोड़ों फालोअर्स को संबोधित एक पोस्ट में कहा था कि, “अब आप ही मीडिया हैं।

यह देखा जाना बाकी है कि मस्क के व्यवसायिक साम्राज्य की संघीय जांचों का अब क्या होता है। बाइडन प्रशासन के दौरान नियामक संस्थाओं द्वारा मस्क की कंपनियों की जांच-पड़ताल काफी बढ़ गई थी।

न्याय विभाग, सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन, नेशनल लेबर रिलेशन बोर्ड, पर्यावरण संरक्षण एजेंसी और संघीय व्यापार आयोग – सभी ने उनकी कंपनियों की जांच शुरू कर दी थी।

लेकिन जीत के बाद दिए गए अपने भाषण में ट्रप ने मस्क की ओर इशारा करते हुए कहा, “हमें अपनी प्रतिभाओं को संरक्षण देना होगा। हमारे पास ये ज्यादा संख्या में नहीं हैं”।

मस्क को ट्रंप के सत्ता में आने से फायदा होगा इसमें कोई शक नहीं। उन्हें अपनी वफादारी का ईनाम मिलेगा। उन्हें सरकारी ठेके बिना ज्यादा जांच-पड़ताल के मिलेंगे। इस बात की भी संभावना है कि उन्हें सरकार में कोई पद दे दिया जाए।

चुनाव प्रचार के दौरान मस्क ने कहा था कि एक ‘शासकीय कार्यकुशलता आयोग’ का गठन किया जाना चाहिए जो संघीय सरकार के सभी कार्यकलापों का लेखा-जोखा रखे। यह बात उन्होंने सबसे पहले एक्स पर ट्रंप के साथ हुई चर्चा के सीधे प्रसारण के दौरान कही।

मस्क ने कहा था कि यह आयोग यह सुनिश्चित कर सकता है कि करदाताओं का धन ‘ठीक से खर्च किया जाए’। हाल में ट्रंप ने घोषणा की कि वे ऐसा आयोग बनाएंगे और उसका जिम्मा मस्क को सौंपा जाएगा।

इस शासकीय आयोग के प्रमुख के तौर पर मस्क का संघीय संस्थाओं पर अच्छा खासा दबदबा रहेगा और किसे कितना बजट दिया जाए, यह तय करने में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

ट्रंप ने इस बात का विस्तार से खुलासा नहीं किया है कि इस आयोग की कार्यप्रणाली क्या होगी और उसे कितनी स्वायत्ता हासिल होगी। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा है कि वह बजट में भारी कटौती करने के तरीके सुझाएगा। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि मस्क की बल्ले-बल्ले हो जाएगी।

लेकिन यह गहरी मित्रता आखिर कब तक चलेगी? ट्रप नहीं चाहेंगे कि उन्हें सुर्खियां किसी और के साथ साझा करनी पड़ें। मस्क का भी हमेशा सुर्खियों में बने रहने का अरमान रहता है।

दोनों ही व्यापारी हैं जो हर रिश्ते और मित्रता को लाभ-हानि के तराजू पर तौलते हैं। दोनों ही बहुत अस्थिर मिजाज वाले हैं। और जैसे दो समान आवेश वाली चीजें एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं, वैसे ही एक से मिजाज और अहं वाले दो व्यक्तियों के बीच दोस्ती टूटने में देर नहीं लगती।

दोस्ती कब नफरत में बदल जाए कहा नहीं जा सकते। जब तक ऐसा नहीं होता तब तक मस्क ट्रंप के राष्ट्रपति होने से लाभान्वित होते रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top