Breaking News
यात्रा मार्ग पर सेवा देंगे 43 सौ से अधिक घोड़ा- खच्चर संचालक
मुख्यमंत्री धामी ने जलशक्ति मंत्री से की मुलाकात, 8 जलविद्युत परियोजनाओं के लिए सहयोग का अनुरोध
मुख्यमंत्री धामी ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू से की भेंट
चारधाम यात्रा को लेकर सख्ती, परिवहन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
भारत विरोधी बयानों के चलते पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का ‘X’ अकाउंट भारत में प्रतिबंधित
मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना, भव्य विदाई समारोह में गूंजे जयकारे
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा सख्त, 48 पर्यटन स्थल अस्थायी रूप से बंद
चारधाम यात्रा 2025- श्रद्धालुओं के लिए सख्ती, चेकिंग प्वाइंट्स पर होगी पंजीकरण की जांच
सुबह उठते ही करें ये आसान योगासन, बिना बिस्तर छोड़े पाएँ जबरदस्त फायदे

सुबह उठते ही करें ये आसान योगासन, बिना बिस्तर छोड़े पाएँ जबरदस्त फायदे

लोग फिट तो रहना चाहते हैं लेकिन अधिक मेहनत नहीं करना चाहते। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्राकृतिक उपचार है। सुबह योगासनों का अभ्यास कई स्वास्थ्य लाभ दे सकता है लेकिन सुबह-सुबह उठकर योग करने का मन ही नहीं करता है। लोग आलस या समय की कमी के कारण योग नहीं कर पाते लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ आसन आप बिस्तर पर लेटे-लेटे ही कर सकते हैं।

इन योगासनों के अभ्यास के लिए आपको बिस्तर छोड़ने की भी जरूरत नहीं है। आप नींद खुलने के बाद इन योगासनों को बिस्तर पर आरामदायक स्थिति में लेटकर ही कर सकते हैं। यहां जानिए ऐसे तीन आसान लेकिन असरदार योगासन, जिन्हें आप बिस्तर पर ही कर सकते हैं।

पवनमुक्तासन 

इस आसन का अभ्यास सुबह उठते ही करना चाहिए। अभ्यास के लिए बिस्तर पर पीठ के बल ही लेटे रहें। एक पैर को घुटने से मोड़ें और छाती की ओर लाएं। अब दोनों हाथों से घुटने को पकड़ें और धीरे-धीरे सिर को उठाकर घुटने से मिलाएं। कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं। इसी क्रिया को दूसरे पैर से दोहराएं। पवनमुक्तासन का अभ्यास गैस, ब्लोटिंग और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। रोज सुबह इसे करने से पाचन बेहतर होता है और पेट हल्का महसूस होता है।

गोमुखासन

गोमुखासन का अभ्यास पवनमुक्तासन के बाद करना चाहिए। इसके अभ्यास के लिए बिस्तर पर आराम से बैठ जाएं। अब एक हाथ को सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं और दूसरा हाथ पीछे से ऊपर की ओर। दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे से पकड़ने की कोशिश करें। कुछ सेकंड तक स्थिति बनाए रखें और फिर हाथ बदल कर दोहराएं। यह आसन कंधों और छाती की मांसपेशियों को खोलता है। इससे तनाव कम करता है और शरीर के ऊपरी हिस्से की स्थिति में सुधार होता है।

शवासन 

योगाभ्यास के आखिर में शवासन का अभ्यास करें। इसके लिए पीठ के बल सीधे लेटकर हाथों को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रहें। आंखें बंद करके गहरी सांस लें और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें। दो से पांच मिनट तक इसी स्थिति में रहें और केवल सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। इस आसन के अभ्यास से थकान दूर होती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है और मानसिक रूप से तरोताजा महसूस होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top