Breaking News
उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित
कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आंकड़े निकलकर आए सामने
कांतारा: चैप्टर 1 की रिलीज डेट आउट, 2 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म
उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश- खेल मंत्री रेखा आर्या
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद

मुंद्रा में अदाणी समूह की तांबा इकाई शुरू, सात हजार लोगों को मिलेगा रोजागार

अहमदाबाद। धातु उद्योग में अदाणी पोर्टफोलियो की शुरुआत करते हुए, अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की सहायक कंपनी कच्छ कॉपर ने गुजरात के मुंद्रा में ग्राहकों को कैथोड का पहला बैच भेजने के सााथ ही अपनी ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी परियोजना की पहली इकाई शुरू की। इसके शुरू होने से दो हजार प्रत्यक्ष और पांच हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अदाणी एंटरप्राइजेज परियोजना के पहले चरण में 0.5 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) क्षमता वाला तांबा स्मेल्टर स्थापित करने के लिए लगभग 1.2 बिलियन डॉलर का निवेश कर रही है। अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, इस परियोजना के शुरू होने के साथ, अदाणी समूह न केवल धातु क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है, बल्कि भारत भी एक स्थायी और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर छलांग लगा रहा है।

गौतम अदाणी ने कहा, यह परियोजना भारत को वैश्विक तांबा क्षेत्र में सबसे आगे ले जाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कंपनी ने एक बयान में कहा, परियोजना के दूसरे चरण के पूरा होने पर कच्छ कॉपर 1 एमटीपीए के साथ दुनिया का सबसे बड़ा एकल-स्थान कस्टम स्मेल्टर होगा। गौतम अदाणी ने कहा, हमारा मानना है कि घरेलू तांबा उद्योग पर्यावरण संरक्षण के साथ 2070 तक देश के कार्बन मुक्त होने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, हमारा आधुनिक स्मेल्टर नवोन्वेषी हरित प्रौद्योगिकी पर अधिक जोर के साथ तांबे के उत्पादन में नए मानक स्थापित करेगा।

नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों, चार्जिंग बुनियादी ढांचे और बिजली पारेषण और वितरण नेटवर्क के विकास के साथ तांबे की मांग बढ़ेगी। कच्छ कॉपर द्वारा इस्तेमाल की जाने रही तकनीक को न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। संयंत्र के एक-तिहाई हिस्सेे में ग्रीन बेल्ट होगा। यहां पेड़-पौधे रोपे जाएंगे। संयंत्र में सादे पानी का उपयोग किया जा रहा है। कंपनी की ओर से कहा गया कि वह उपचारित अपशिष्ट जल को फिर से साफ कर उसका इस्तेमाल करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top