Breaking News
उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित
कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें
मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बांध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्द करने के दिए निर्देश
दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आंकड़े निकलकर आए सामने
कांतारा: चैप्टर 1 की रिलीज डेट आउट, 2 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म
उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश- खेल मंत्री रेखा आर्या
सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल तो इस चीज से करें मालिश, नहीं होगा नुकसान
केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद

निर्माण श्रमिकों के बच्चे भी अब बनेंगे इंजीनियर और फैशन डिजाइनर, दून में 58 व हल्द्वानी में 256 बच्चों को दी जा रही शिक्षा 

श्रमिकों का कार्य स्थल पर कैंप लगाकर किया जाएगा पंजीकरण

देहरादून। निर्माण श्रमिकों के बच्चे भी अब इंजीनियर, फैशन डिजाइनर बनेंगे। सभी सरकारी एवं गैर सरकारी भवनों के निर्माण, मॉल, सड़क निर्माण, बांध, पुल, हवाई पट्टी, बाढ़ नियंत्रण, विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण, जल-कल, तेल एंव गैस इन्सटालेशन, नहर, जलाशय, पाइप लाइन, टावर, टेलीविजन, टेलीफोन मोबाइल टावर आदि स्थानों पर कार्यरत निर्माण श्रमिकों का कार्य स्थल पर कैंप लगाकर पंजीकरण होगा। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष आर मीनाक्षी सुंदरम ने श्रम प्रवर्तन अधिकारियों को ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कर्मकार बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्यस्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा देने के लिए देहरादून व हल्द्वानी में दो बसों का संचालन किया जा रहा है। दून में 58 व हल्द्वानी में 256 बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में दो बस संचालित करने के लिए फर्म का चयन किया जा रहा है। भविष्य में राज्य के अन्य जिलों में भी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को कार्य स्थल पर मोबाइल लर्निंग स्कूल के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी।

अध्यक्ष सुंदरम ने बताया कि बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा कोर्सेज के तहत बच्चों को आईटीआई, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल व प्रोडक्शन, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्टि्रकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए संस्थानों का चयन किया जा रहा है।

भविष्य में उच्च शिक्षा के लिए भी संस्थानों का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड के अन्तर्गत ईडीपी या आरपीएल एवं जयानन्द भारती कौशल विकास योजना के माध्यम से पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को स्वयं एवं उनके परिवारों की आश्रित महिलाओं, बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी होगा। इसके लिए सिलाई मशीन ऑपरेशन, फैशन डिजाइनिंग, जूट बैग, हैंडीक्राफ्ट व अन्य ट्रेड में प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top