Breaking News
38वें राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत शासन ने जारी किया संशोधित शासनादेश
भारतीय संस्कृति और परंपराएं गुयाना में फल-फूल रही है- प्रधानमंत्री
गंगा किनारे अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले युवक- युवती पर मुकदमा दर्ज 
डिजाइनर सूट पहन रकुल प्रीत सिंह ने दिखाई दिलकश अदाएं, एक्ट्रेस की हॉटनेस देख फैंस हुए घायल
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने 28वी आई०सी०ए०आर० क्षेत्रीय समिति-प्रथम की बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से किया प्रतिभाग
….तो अब मसूरी को मिलेगी जाम के झाम से निजात
ठंड में घुटने के दर्द से परेशान हैं? राहत पाने के लिए रोजाना 15 मिनट करें ये एक्सरसाइज
मंत्री रेखा आर्या ने सुनी सस्ता गल्ला राशन डीलर्स की समस्याएं
मेले में योगदान देने वाले कर्मी और छात्र -छात्राओं का हुआ सम्मान

उम्मीदों का संकल्प पत्र

लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनात पार्टी (भाजपा) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया, जिसे वे ‘संकल्प पत्र’ कहते हैं। यह युवाओं, महिलाओं, किसानों व गरीबों पर केंद्रित है। संकल्प पत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम परिणाम लाने के लिए काम करते हैं। हमारा फोकस निवेश से लेकर नौकरी तक का है। मुफ्त राशन योजना जारी रहेगी। पांच लाख तक मुप्त इलाज जारी के रहने के साथ ही इसके दायरे में अब ट्रांसजेंडर भी आएंगे। पाइप के जरिए घर-घर गैस पहुंचाई जाएगी। तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने व महिलाओं को लखपति बनाने की भी बात दोहराई। उन्होंने कहा जिन्हें कोई नहीं पूछता, उन्हें मोदी पूजता है।

गरीबों को लूटने वाले जेल जा रहे हैं, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चालू रहने की बात भी उन्होंने की। विपक्ष ने इसे भाजपा का केंद्र से विदाई का घोषणापत्र बताया। एक राष्ट्र-एक चुनाव समान नागरिक संहिता लाने जैसे मुद्दों को दोहराने के साथ ही भाजपा ने तीन तलाक, अनुच्छेद 370 हटाने व राम मंदिर बना मर अपना वायदा निभाने की गारंटी देने का प्रयास भी किया है। घोषणा पत्र की अमूमन बातें प्रधानमंत्री अपने भाषणों में पहले ही करते रहे हैं। इसलिए इसमें कुछ नया तो नहीं कहा जा सकता। मुफ्त योजनाओं के जारी रखने की बात से जनता को यह आासन जरूर मिल जाता है कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में भी इन्हें बंद नहीं कर देगी।

कांग्रेस अपने घोषणा को न्याय पत्र का नाम देकर इसी रास्ते पर नजर आ रही है। पार्टी ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण, गरीब लड़कियों को आर्थिक मदद, मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, युवा-नारी-किसान-श्रमिक-आर्थिक व पर्यावरणीय न्याय के बूते सभी को समेटने के प्रयास किया है। यह सच है कि मतदाता को लुभाने वाले ये घोषणा पत्र कुछ तक प्रभावी होते हैं। मगर देश में इस वक्त युवा मतदाताओं की बढती दर ने राजनीतिक दलों को संकट में ला खड़ा किया है।

इस नए मतदाता को प्रभावित करना उतना आसान भी नहीं है। जिन्हें शिक्षा, रोजगार व बेहतर भविष्य की आशाएं हैं। काफी हद तक वे मुफ्त योजनाओं व बड़े-बड़े वायदों से प्रभावित हुए बगैर नहीं रह सकते। मगर उनके भीतर अपने बेहतर भविष्य व सुकून भरे जीवन को लेकर आस्त रहने के सवाल भी हैं। राजनीतिक पार्टियां घोषणाएं कितनी भी कर लें मगर सच तो यह है कि मतदाता को प्रभावित कर पाना आसान भी नहीं है। इनका भरोसा जीतना वाकई दुष्कर कार्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top