Breaking News
बेकाबू ट्रक की टक्कर से यूकेडी नेता समेत दो की मौत
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला संस्कृति व हस्तशिल की समृद्ध विरासत को देता है नयी पहचान- सीएम धामी
देश के लिए चुनौती बने सड़क हादसे
यूपी में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बसपा ने किया बड़ा ऐलान 
हर्ष फायरिंग के दौरान नौ वर्षीय बच्चे को लगी गोली, मौके पर हुई मौत 
अपने सपनों के आशियाने की तलाश में हैं गायिका आस्था गिल
केदारनाथ विधानसभा सीट पर मिली जीत से सीएम धामी के साथ पार्टी कार्यकर्ता भी गदगद
क्या लगातार पानी पीने से कंट्रोल में रहता है ब्लड प्रेशर? इतना होता है फायदा
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 116वें एपिसोड को किया संबोधित

उत्तराखंड की जयंती ने ऊंची छलांग लगाते हुए बोस्टन मैराथन में बनाया स्थान

जयंती का 128वीं बोस्टन मैराथन में चयन

15 अप्रैल को बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा 128वीं बोस्टन मैराथन का आयोजन किया जाएगा

देहरादून। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव की जयंती ने अपने गांव का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है। बचपन से ही संघर्षमय जीवन यापन करने वाली जयंती ने बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा आयोजित बोस्टन मैराथन की 128वीं दौड़ में अपना स्थान बना लिया है। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित 128वीं बोस्टन मैराथन में जयंती थपलियाल का चयन हुआ है जिसका आयोजन 15 अप्रैल, 2024 को हो रहा है।खेल प्रेमियों को उम्मीद है खेलों को बढ़ावा देने वाली धामी सरकार जयंती थपलियाल का भी हौसला बढायेगी।

जीवन परिचय
जयंती का जन्म 1978 में उत्तराखंड के एक छोटे से गाँव में हुआ था। उनके पिता दिल्ली में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। वह 7 वर्ष की उम्र में वह परिवार के साथ दिल्ली आ गई थी। जयंती अपने तीन भाई बहन में से एक है। तीनों ही स्पोर्टस में रुचि रखते है। पिता की सेलरी इतनी नहीं थी कि वह अच्छे स्टेडियम एवं कोच की फीस भर पाए । इसलिए जयंती पैसे के आभाव में दिल्ली से बाहर किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाती थी। लेकिन बावजूद इसके बचपन से ही जयंती कॉलोनी और स्कूल की प्रतियोगिताओं में भाग लेती और जीत भी जाती थी। जयंती के भाई ही उनके मेरे प्रेरणा स्त्रोत रहे है।

खेल की शुरूआत
जयंती ने 12 वर्ष की उम्र में ही त्यागराज स्टेडियम जाना शुरू किया। और 1993 में राष्ट्रीय स्कूल खेलों में हिस्सा लिया। 1994 में जूनियर नेशनल कैम्प का हिस्सा रही। 1996 में सीनियर इंटर स्टेट में पी. टी. ऊषा, बीनामौल जैसी अंतर्राष्ट्रीय दिग्गजों के साथ खेलने का मौका मिला। 1999 में स्पोर्ट्स कोटे से इस विभाग को जॉइन किया।

व्यक्तिगत जीवन
जयंती और उनके पति दोनों नौकरी करते है। उनका एक बेटा भी है।

उपलब्धियां
जयंती थपलियाल 6 बार एडीएचएम स्वर्ण पदक विजेता है। वेदान्ता हॉफ मैराथन (जिसे पहले हच,डाल्फिन और एयरटेल के नाम से जाना जाता था) में जंयती ने अपनी एज कैटेगरी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

संघर्ष
1995 में जूनियर एशियन के ट्रायल की तैयारी करते हुए जयंती के पांव में कॉर्न हो गया था जिसका ऑपरेशन हुआ। और उन्हें काफी समय तक ट्रायल से दूर रहना पड़ा। 2017 में चाइना एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए नहीं जा पाई। इलाज करवाया और फिर मैदान मे उतरी तथा एयरटेल दिल्ली हाफ मेराथन मे अच्छे टाइमिंग के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top