Breaking News
खनन माफियाओं पर शिकंजा, पौड़ी खनन विभाग ने कमाए 29.62 करोड़ रुपये
2009 के बाद पहली बार निर्धारित समय से पहले दस्तक देगा मानसून, मौसम विभाग ने दी जानकारी
पदक विजेताओं को नगद इनाम के लिए पैसा जारी, खेल मंत्री रेखा आर्या ने जताया मुख्यमंत्री का आभार
भारत से हारने की खुशी में मुनीर को पाक ने पहनाया हार- महाराज
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान

यूटीयू में सॉफ्टवेयर डेवलप किए जाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला

सचिव डॉ. रंजित सिन्हा को रिश्वत देने की पेशकश की गई

देहरादून। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) में सॉफ्टवेयर डेवलप किए जाने के नाम पर करोड़ों का घोटाला पकड़ में आने के बाद मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले में सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी के प्रतिनिधि की ओर से शासन में तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजित सिन्हा को रिश्वत देने की पेशकश की गई। यह बात सामने आने के बाद शासन में हड़कंप मचा हुआ है। सचिव की ओर से संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने की संस्तुति की गई है।

बता दें कि पिछले दिनों यूटीयू में सॉफ्टवेयर डेवलप किए जाने के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला तकनीकी शिक्षा सचिव की जांच में पकड़ में आया था। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लखनऊ की एक कंपनी से अनुबंध कर ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग), यूएमएस (यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम) सॉफ्टवेयर का निर्माण कराया था। इसके लिए कंपनी को करीब दो करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन शासन की जांच में मामला पकड़ में आने के बाद कंपनी की ओर से मामले का रफा-दफा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

चार मार्च को कंपनी के प्रतिनिधि ने सचिवालय में आकर सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ. रंजीत सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस की पेशकश की। जिस पर सचिव बुरी तरह से बिफर गए और उन्होंने तत्काल कंपनी प्रतिनिधि को कार्यालय से जाने को कहा।  इसके तत्काल बाद सचिव की ओर से कुलसचिव यूटीयू को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि ‘स्पष्ट करें कि क्या संबंधित व्यक्ति को विश्वविद्यालय की ओर से सचिवालय भेजा गया था। यदि हां तो, इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण शीघ्र उन्हें उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो, तत्काल कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई करें’। संबंधित प्रकरण की सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ. रंजित सिन्हा ने पुष्टि की है।

(साभार)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top